
महा कुम्भ में हठ योग के अद्भुत प्रदर्शन से योगगुरु आदर्श ने रचा इतिहास
प्रयागराज: महा कुम्भ 2025 का पावन अवसर चल रहा है और इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान करने के लिए पहुंचे हैं। इन्हीं श्रद्धालुओं के बीच एक नाम जो खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, वह हैं योगगुरु आदर्श पांडेय। मध्य प्रदेश के रीवा जिले से आए यह योगी न केवल हठ योग में निपुण हैं, बल्कि कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।
योग और तपस्या का सफर
योगगुरु आदर्श का योग साधना का सफर बचपन से ही शुरू हो गया था। आठ वर्ष की उम्र से उन्होंने तपस्या और हठ योग की गहराइयों में प्रवेश किया। अपने गुरुओं के सान्निध्य में उन्होंने योग की कठिन साधनाओं को सीखा और धीरे-धीरे एक कुशल योगाचार्य के रूप में स्थापित हुए। पिछले दो वर्षों से वे हठ योग की उन्नत विधियों का अभ्यास कर रहे हैं, जिसके कारण उनका नाम कई विश्व रिकॉर्ड पुस्तकों में दर्ज हुआ है।
विश्व रिकॉर्ड और उपलब्धियां
योगगुरु आदर्श पांडेय के नाम कई प्रतिष्ठित रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
- इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कई योगासनों के लिए रिकॉर्ड
- लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 में उल्लेख
- वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में विभिन्न कठिन योगासनों के लिए मान्यता
विशेष रूप से, उन्होंने ‘कर्णपीड़ासन’ को लगातार 30 मिनट तक करने का रिकॉर्ड बनाया है। यह एक अत्यंत कठिन योग मुद्रा मानी जाती है, जिसे इतने लंबे समय तक धारण करना किसी साधक के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होता है।
महा कुम्भ में हठ योग का प्रदर्शन
महा कुम्भ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में योगगुरु आदर्श के हठ योग प्रदर्शन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। उनके कठिन योगासन देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। जब वे अपने योग प्रदर्शन करते हैं, तो वहां मौजूद लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
योगगुरु आदर्श का मानना है कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है। वे युवाओं को योग और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं।
महा कुम्भ में रहने का उद्देश्य
योगगुरु आदर्श पांडेय महा कुम्भ के पूरे काल में कल्पवास कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह केवल एक साधना नहीं, बल्कि एक संकल्प है, जिससे वे अधिक से अधिक लोगों तक योग और आध्यात्मिकता का संदेश पहुंचाना चाहते हैं।
उनका उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी नशे और बुरी आदतों को छोड़कर योग एवं सनातन संस्कृति से जुड़े। वे कहते हैं कि यदि युवा पीढ़ी अपने स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान देगी, तो राष्ट्र की प्रगति स्वतः ही सुनिश्चित होगी।
योग और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने का संदेश
योगगुरु आदर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योग को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना करते हैं। वे मानते हैं कि योग एक ऐसी शक्ति है, जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाती है। उनका संदेश है कि प्रत्येक युवा को योग अपनाना चाहिए और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
सरकारी स्कूलों और संस्थानों तक योग पहुंचाने की पहल
योगगुरु आदर्श का एक बड़ा सपना है कि वे योग को सरकारी स्कूलों और अन्य संस्थानों तक पहुंचाएं। उनका मानना है कि यदि बचपन से ही योग को जीवन में शामिल किया जाए, तो यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अत्यधिक सहायक हो सकता है। वे सरकार और समाज के सहयोग से इसे बड़े स्तर पर लागू करने के लिए प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष
योगगुरु आदर्श पांडेय का महा कुम्भ में हठ योग का प्रदर्शन केवल एक शो नहीं, बल्कि योग साधना का जीवंत उदाहरण है। वे अपने कठिन आसनों के माध्यम से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं और योग को संपूर्ण समाज तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा को देखकर यह स्पष्ट होता है कि योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आत्म-नियंत्रण और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी है।
महा कुम्भ के इस भव्य आयोजन में योगगुरु आदर्श का योगदान एक ऐतिहासिक पहल है, जो आने वाले समय में न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व में योग के महत्व को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।