
ओडिशा के KIIT में नेपाल-भारत तनाव: कैसे बवाल ने उठाया सामूहिक आक्रोश
नई दिल्ली: ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कालींगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक छात्रा की मौत ने विवादों का तुफान खड़ा कर दिया। 20 वर्षीय नेपाल की छात्रा, प्रकृति लाम्साल की मौत ने न केवल स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय को घेर लिया, बल्कि दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव भी बढ़ा दिया। यह घटना विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव के दौरान घटी, जब एक छात्रा का शव उसके हॉस्टल कमरे से बरामद हुआ।
क्या हुआ था?
प्रकृति, जो कि तीसरे वर्ष की बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की छात्रा थी, रविवार दोपहर अपने हॉस्टल कमरे में मृत पाई गई। प्रारंभिक रूप से पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया, लेकिन इसके बाद घटनाओं ने मोड़ लिया और विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन होने लगे।
नेपाल के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जांच और जिम्मेदारी की मांग की, जिन्हें आरोप था कि प्रशासन ने प्रकृति की शिकायतों की अनदेखी की। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रकृति को विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र, 21 वर्षीय आद्विक श्रीवास्तव द्वारा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। एक वायरल ऑडियो क्लिप में आद्विक को गाली-गलौच करते हुए और प्रकृति से अपमानजनक बातें कहलवाते हुए सुना गया था।
आद्विक, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला था, को सोमवार को भुवनेश्वर हवाई अड्डे के बाहर गिरफ्तार किया गया और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया।
KIIT का प्रतिरोध
प्रकृति की मौत के बाद नेपाल के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किए, लेकिन KIIT प्रशासन ने छात्रों के साथ कड़ा व्यवहार किया। सुरक्षा कर्मियों और विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा छात्रों को शारीरिक रूप से परेशान किया गया। इस कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को नेपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान देते हुए देखा गया।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ KIIT प्रशासन ने शक्ति का उपयोग किया, जिसके बाद कई छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर जाने के लिए कहा गया। यह कदम पूरी तरह से अप्रत्याशित था, क्योंकि परीक्षा के लिए सिर्फ कुछ ही दिन बचे थे।
ओडिशा सरकार की कार्रवाई
राज्य सरकार ने घटना के तुरंत बाद एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। यह समिति घटना की गहन जांच करेगी, साथ ही यह भी जांचेगी कि विश्वविद्यालय ने विरोध प्रदर्शन को कैसे संभाला। ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सुर्यवंशी सूरज ने KIIT के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी
प्रकृति की मौत और छात्रों के खिलाफ हिंसा के मामले में अब तक कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें आद्विक के अलावा KIIT के तीन वरिष्ठ अधिकारी, दो सुरक्षा गार्ड भी शामिल हैं। पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। एक मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का है और दूसरा मामला छात्रों पर हिंसा के आरोप में है।
राजनयिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
KIIT और उसके अधिकारियों ने इस घटना के बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। हालांकि, नेपाल सरकार ने इस मामले को हल्के में नहीं लिया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया और भारतीय अधिकारियों से त्वरित समाधान की मांग की।
भारत में नेपाली छात्रों के लिए भविष्य में कोई और घटना न हो, इसके लिए नेपाल सरकार ने कड़ा संदेश दिया है। इसके अलावा, नेपाल सरकार ने भारत से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि भविष्य में नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
राजनीतिक परिणाम
इस घटना ने ओडिशा में राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई है। कांग्रेस पार्टी ने न्यायिक जांच की मांग की है, वहीं बीजेपी ने KIIT के संस्थापक आचार्य समंता की गिरफ्तारी की मांग की है। इस पूरे मामले पर ओडिशा विधानसभा में भी बहस हुई, और कई विधायकों ने इस घटना की कड़ी निंदा की।
निष्कर्ष
KIIT में हुई घटना ने केवल एक छात्रा की मौत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह दोनों देशों के बीच एक नए तरह के राजनयिक तनाव का कारण बन गया। अब यह देखना होगा कि ओडिशा सरकार और भारतीय प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।
यह घटना शिक्षा संस्थानों के भीतर छात्रों की सुरक्षा और विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।