
केएल राहुल: भारत का 'स्पेयर टायर' जिसने सभी का दिल जीत लिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने चार विकेट से शानदार जीत हासिल की। इस जीत के हीरो रहे भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल, जिन्होंने नाबाद 42 रन बनाकर न सिर्फ टीम को फाइनल में पहुंचाया, बल्कि हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। 34 गेंदों में खेली गई उनकी पारी में समझदारी और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखा। खास बात यह रही कि राहुल ने विजयी रन बनाकर भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल का टिकट दिलाया। इस शानदार प्रदर्शन के बाद पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल की जमकर तारीफ की और उन्हें ऐसा ‘स्पेयर टायर’ बताया, जिसका इस्तेमाल हर मुश्किल में किया जाता है।
केएल राहुल की खासियत यह है कि वह टीम के लिए किसी भी भूमिका में ढल जाते हैं। कभी ओपनिंग करते हैं, कभी मिडिल ऑर्डर में रन बनाते हैं, तो कभी फिनिशर बनकर मैच को खत्म करते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जब भारत मुश्किल में था और विराट कोहली आउट हो गए, तब राहुल ने संयम के साथ पारी को संभाला। उन्होंने स्ट्राइक रोटेट की और हार्दिक पंड्या को खुलकर खेलने का मौका दिया। उनकी इस निस्वार्थ खेल भावना की वजह से ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हरा दिया।
सिद्धू ने स्टार स्पोर्ट्स पर राहुल की तारीफ में कहा, “केएल राहुल को देखो, एक स्पेयर टायर भी इतना इस्तेमाल नहीं होता। कभी विकेटकीपर बनाओ, कभी नंबर 6 पर खिलाओ, कभी ओपनिंग कराओ। फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी आए तो नंबर 3 पर भेजो, फिर कहो ओपनिंग करो। मैं एक बात कहता हूं- वनडे में ओपनिंग आसान है, लेकिन टेस्ट में यह सबसे मुश्किल काम है। वह एक निस्वार्थ खिलाड़ी हैं।” सिद्धू का यह बयान राहुल की मेहनत और लचीलेपन को बखूबी बयां करता है।
इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी राहुल ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाई थी। रोहित शर्मा की जगह ओपनिंग की, फिर नंबर 3 पर खेले और एक टेस्ट में तो नंबर 5 पर भी उतरे। हर बार उन्होंने टीम की जरूरत को पहले रखा और खुद को हालात के हिसाब से ढाला। यह कोई आसान काम नहीं है, खासकर तब जब आपको हर बार अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़े। लेकिन राहुल ने हर बार खुद को साबित किया।
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भी उनकी पारी इसका सबूत थी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने मुश्किल लक्ष्य रखा था। शुरुआत में विकेट गिरने से टीम दबाव में थी। ऐसे में राहुल ने कोहली के साथ मिलकर पारी को संभाला। कोहली के आउट होने के बाद भी वह डटे रहे और आखिरी ओवर तक नाबाद रहे। उनकी समझदारी भरी बल्लेबाजी ने न सिर्फ टीम को जीत दिलाई, बल्कि यह भी दिखाया कि वह बड़े मैचों में कितने भरोसेमंद हैं।
अब भारत का अगला मुकाबला न्यूजीलैंड से फाइनल में है, जो 9 मार्च को दुबई में खेला जाएगा। इस बड़े मैच में भी राहुल से ऐसी ही उम्मीदें होंगी। मिडिल ऑर्डर में उनकी मौजूदगी टीम को मजबूती देती है। अगर जरूरत पड़ी तो वह फिर से संकटमोचक बनकर सामने आ सकते हैं। न्यूजीलैंड की टीम भी मजबूत है और भारत को हर हाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
केएल राहुल की यह खूबी उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है। वह न तो अपनी पोजीशन को लेकर शिकायत करते हैं और न ही दबाव में टूटते हैं। उनकी शांतचित्त और मेहनती स्वभाव की वजह से ही सिद्धू जैसे दिग्गज उनकी तारीफ करते नहीं थकते। राहुल ने साबित कर दिया है कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि टीम इंडिया का वो ‘स्पेयर टायर’ हैं, जो हर मौके पर काम आता है। फाइनल में भी फैंस को उनसे ऐसी ही पारी की उम्मीद होगी, जो भारत को चैंपियन बना सके।