
केरल में फिर से रैगिंग का मामला, इस बार स्कूल में: जूनियर छात्र को सीनियर ने पीटा, हाथ फ्रैक्चर हुआ
केरल के कन्नूर जिले से एक और रैगिंग का मामला सामने आया है, जहाँ एक जूनियर छात्र को सीनियर छात्रों ने केवल इस लिए पीटा कि उसने उन्हें “सम्मान नहीं दिया।” यह घटना 12 फरवरी को हुई, और इसके बाद पुलिस ने पांच छात्रों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। यह मामला कन्नूर के एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है, और इससे कुछ ही दिन पहले कूट्टायम के एक नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग की एक और घटना हुई थी, जिसमें पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।
घटना का विवरण
पुलिस के मुताबिक, कन्नूर जिले के एक स्कूल में पांच सीनियर छात्रों ने एक जूनियर छात्र को रैगिंग करने के बाद पीटा। आरोप है कि छात्र ने सीनियर छात्रों का “सम्मान नहीं किया”, जिसके कारण उन्होंने उसे बुरी तरह से पीट दिया। आरोपियों ने उसे कैन्टीन में घेरकर लातों से मारा, जिसके परिणामस्वरूप छात्र का हाथ फ्रैक्चर हो गया और अन्य गंभीर चोटें आईं।
कोलवल्लूर पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि छात्रों के खिलाफ “हिंसा और अवैध रूप से रोकने” के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इनमें से तीन आरोपियों की पहचान हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि स्कूल प्रशासन द्वारा रैगिंग पर रिपोर्ट मिलने के बाद, केरल एंटी-रैगिंग कानून के तहत आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्कूल प्रशासन की कार्रवाई
घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया। स्कूल की प्रधानाचार्य ने बताया कि आरोपित छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि “एंटी-रैगिंग समिति ने स्कूल के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की है ताकि घटना की सत्यता का पता लगाया जा सके। हम जल्द ही पुलिस को एक रिपोर्ट देंगे।”
रैगिंग की बढ़ती घटनाएँ
यह घटना केरल में बढ़ते रैगिंग मामलों का हिस्सा है। कुछ ही दिन पहले, कूट्टायम जिले के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में भी रैगिंग की एक गंभीर घटना सामने आई थी, जिसमें पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। इन छात्रों पर आरोप था कि उन्होंने एक पहले वर्ष के छात्र को पीटा और उससे पैसे वसूलने की कोशिश की थी।
विपक्षी नेता का आरोप
कांग्रेस विधायक और विपक्षी नेता वी डी सथीशन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि कूट्टायम में गिरफ्तार छात्रों का भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के छात्र संगठन “स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया” (SFI) से संबंध है। उन्होंने कहा कि यह रैगिंग घटना केरल में छात्र राजनीति और रैगिंग के बीच के संबंधों को उजागर करती है।
साथ ही उन्होंने पिछले साल के उस घटना का भी जिक्र किया, जब वेणाड के एक पशु चिकित्सा कॉलेज के छात्र सिद्धार्थन की मौत के बाद रैगिंग पर सवाल उठाए गए थे। सथीशन ने आरोप लगाया कि रैगिंग की घटनाएं और छात्र राजनीति में हुई हिंसा का एक कनेक्शन है, और उन्होंने SFI को भंग करने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कूट्टायम नर्सिंग कॉलेज में हुई रैगिंग की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और जिन छात्रों को निलंबित किया गया है, उन्हें जल्द ही निष्कासित किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि मेडिकल शिक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा है और यह देखा जाएगा कि हॉस्टल प्रशासन ने क्यों नहीं ध्यान दिया कि जूनियर छात्रों के कमरे में सीनियर छात्र क्यों गए थे।
रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून
केरल सरकार ने रैगिंग को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं। राज्य में रैगिंग को लेकर एक विशेष कानून है, जो विद्यालयों और कॉलेजों में रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात करता है। इस कानून के तहत, रैगिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें जेल की सजा, जुर्माना और निष्कासन शामिल है।
निष्कर्ष
रैगिंग की घटनाएँ न केवल छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि ये समाज में अस्वस्थ माहौल भी पैदा करती हैं। स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के बीच इस प्रकार की हिंसा को समाप्त करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वे रैगिंग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ सख्त कानूनों को लागू करें।
साथ ही, छात्रों को भी यह समझने की आवश्यकता है कि रैगिंग एक अपराध है, और यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। हमें एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की ओर बढ़ने की जरूरत है, जहां परिपक्वता, सम्मान और सहमति की संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो।