
मेरे रंग को लेकर मुझे तंग किया जाता था’: मॉडल दीपक गुप्ता ने अपने सपनों को साकार करने की यात्रा साझा की
कॉलेज के फैशन शो से लेकर पेरिस और मिलान के प्रतिष्ठित रनवे तक, दीपक गुप्ता ने अपनी ज़िंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। पहले अपनी दिखावट को लेकर मजाक उड़ाए जाने वाले दीपक आज दुनिया के फैशन केंद्रों में रैंप वॉक करते हैं। उनकी यात्रा संघर्ष और आत्मविश्वास से भरी हुई है, और यह कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।
कॉलेज में होने वाली बुलींग से लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि तक
दीपक गुप्ता का मॉडलिंग करियर कॉलेज के दिनों में अचानक शुरू हुआ, जब उन्हें एक इंटर-कॉलेज फैशन शो में चुना गया, जो मुख्य रूप से उनकी लंबाई (6 फीट) के कारण था। हालांकि इस मौके के साथ उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। “कॉलेज में मुझे बहुत ट्रोल किया जाता था,” दीपक याद करते हुए बताते हैं, “वे कहते थे, ‘वो फैशन शो में क्यों है? हम क्यों नहीं हैं? उसे सब कुछ क्यों मिल रहा है?’ लेकिन ये आलोचनाएं सिर्फ मौके तक सीमित नहीं थीं, बल्कि मेरे रूप-रंग पर भी निशाना साधा जाता था।”
19 साल की उम्र में दीपक को एक अहम मोड़ पर आकर यह तय करना पड़ा कि वह इन आलोचनाओं को आत्मसात करेंगे या इन्हें अपनी प्रेरणा का स्रोत बनाएंगे। “कोई इन चीजों को दो तरीके से ले सकता है। एक तो यह सोच सकता है, ‘शायद वे सही हैं, मैं इसके लायक नहीं हूं,’ और दूसरा तरीका यह है, ‘नहीं, मैं उन्हें गलत साबित करूंगा,'” दीपक ने दूसरे रास्ते को चुना और अपने सपनों को साकार करने की ठानी।
सीमाओं को पार करना
कॉलेज छोड़ने के बाद दीपक ने प्रोफेशनल मॉडलिंग में कदम रखा। उनका पहला बड़ा ब्रेक वेस्टसाइड, एक लोकप्रिय भारतीय रिटेल ब्रांड के लिए आया। “जब मैंने अपने फोटो मॉल्स में और कहीं भी देखे, तो मुझे लगा, ‘अगर मैं यह कर सकता हूं, तो मैं और भी ज्यादा हासिल कर सकता हूं,'” वह कहते हैं।
सिर्फ तीन महीने के भीतर दीपक ने अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग में कदम रखा। भारत और विदेश में मॉडलिंग के बीच का अंतर तुरंत ही महसूस हुआ। “भारत में बहुत नेपोटिज़्म है,” वह बताते हैं, “लेकिन यूरोप और यूके जैसे देशों में, अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग में बहुत ज्यादा सम्मान मिलता है। वहां आपको एक पेशेवर मॉडल के रूप में देखा जाता है, न कि भारतीय मॉडलिंग की तरह।”
सपने का साकार होना: लुईस Vuitton
दीपक के करियर ने एक नया मुकाम तब हासिल किया जब उन्हें लुईस Vuitton के लिए रनवे पर वॉक करने का मौका मिला। “यह बहुत अचानक हुआ,” वह याद करते हुए बताते हैं, “मुझे पेरिस से मेरे मैनेजर का एक ईमेल आया जिसमें लिखा था, ‘लुईस Vuitton के लिए कंफर्मेड।’ यह इतना असामान्य था कि मैं रात भर सो नहीं सका।”
दीपक के लिए, जो कभी अपनी सपनों पर हंसी उड़ाए जाने से निराश हुए थे, यह एक बड़ी मान्यता थी। ईमेल सिर्फ लुईस Vuitton के लिए उनकी जगह की पुष्टि नहीं थी, बल्कि यह उनके संघर्ष और आत्मविश्वास की जीत थी।
वायरल वीडियो: सोशल मीडिया का जादू
दीपक का ट्रांसफॉर्मेशन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने बॉलीवुड के मशहूर हस्तियों का भी ध्यान खींचा, जैसे कि ऋतिक रोशन। “मेरे इंस्टाग्राम फॉलोअर्स पहले 15,000 थे, अब 103K हो गए हैं,” वह बताते हैं। “मैं models.com पर वेरिफाइड हो गया, और उनकी Hot List में भी शामिल हो गया।” बॉलीवुड से मिली सराहना ने दीपक को और प्रेरित किया। “यह समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है। इससे मुझे और ताकत मिली है और मैं भारत को एक बड़े मंच पर प्रस्तुत करने के लिए और मेहनत करूंगा।”
चुनौतियों का सामना करना: पेरिस का सफर
फैशन वीक के दौरान दीपक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती उनकी पासपोर्ट की समस्या थी। “मेरे पासपोर्ट के कारण मुझे मिलान से पेरिस तक 12 घंटे का सफर तय करना पड़ा,” वह बताते हैं। “मैंने यह चार बार किया। ऐसे हालात में भी आपको परफेक्ट दिखना होता है। आप यह नहीं कह सकते कि ‘मैंने ठीक से नहीं सोया, मुझे थकान है’।”

मॉडलिंग की सख्त सुंदरता मानक
मॉडलिंग की दुनिया के सख्त सौंदर्य मानकों के बारे में दीपक खुलकर बात करते हैं। “मॉडलिंग का सबसे कठिन हिस्सा यह है कि आपको कुछ भी नहीं खाना पड़ता। भारतीय भोजन में ज्यादा कार्ब्स होते हैं और प्रोटीन की कमी होती है, जो वजन बढ़ा सकते हैं,” वह कहते हैं। “फैशन शो से पहले कुछ मॉडल्स एक हफ्ते तक कुछ नहीं खाते, मैंने देखा है कि वे शो के दौरान बेहोश भी हो जाते हैं।”
दीपक ने खुद को इस मामले में भाग्यशाली महसूस किया। “मैं युवा हूं और मेरी मेटाबोलिज्म अच्छी है, इसलिए मुझे कभी ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया गया।”
परिवार का समर्थन: खुद को साबित करना पहले
दीपक ने शुरुआत में अपने मॉडलिंग करियर को अपने माता-पिता से छिपाकर रखा। यह खुलासा तब हुआ जब उनके पिता ने उन्हें वेस्टसाइड के एक बैनर पर देखा। “उन्होंने कहा, ‘यह तुम्हारी तरह दिखता है, क्या यह तुम हो?’ मैंने चुपचाप रहकर स्वीकार किया, ‘हां, यह मैं हूं।'” दीपक ने सीखा कि पहले खुद को साबित करना ही परिवार से समर्थन पाने की कुंजी है। “आपको पहले छोटे-छोटे तरीके से खुद को साबित करना होता है, और जब वे देखेंगे, तो उनका समर्थन अविश्वसनीय होगा।”
आगे का रास्ता: नए सपने और लक्ष्य
अब दीपक अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग सीन में अपनी जगह बना चुके हैं और आगे और ऊंचाइयों को छूने का सपना देखते हैं। “मेरी इस साल की ख्वाहिश है कि मैं models.com की Top 50 लिस्ट में जगह बना सकूं,” वह कहते हैं। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित तरीके से काम करते हैं। “जो भी मेरे मन में आता है, मैं उसे नोट करता हूं और महीने में एक बार उन नोट्स को देखता हूं।”
दीपक का संदेश है, “आपको सिर्फ सीखते रहना चाहिए, अपना स्टाइल सुधारते रहना चाहिए और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। आपको यह साफ समझना होगा कि फैशन में आप किस तरह का काम करना चाहते हैं। अगर आप भ्रमित होंगे, तो आप कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे।”
दीपक गुप्ता की कहानी संघर्ष, आत्मविश्वास और कठिन मेहनत की है। उन्होंने जो रास्ता तय किया है, वह यह साबित करता है कि मेहनत, आत्मविश्वास और सपने बड़े काम कर सकते हैं।