
बीजेपी का "गाइडेड टूर" शीशमहल में: केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बड़ा कदम
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शीशमहल के अंदर पत्रकारों को “गाइडेड टूर” पर ले जाने का फैसला किया है, वह बंगलो जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान निवास किया था। यह कदम बीजेपी के लिए एक रणनीतिक कदम है, जो केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए शीशमहल का इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल ने इस बंगलो के शानदार नवीनीकरण के लिए टैक्सपेयर्स का पैसा बेवजह खर्च किया है, जबकि उनका खुद का दावा आम आदमी (अर्थात, साधारण नागरिक) होने का था।
शीशमहल का विवाद और उसकी महंगी नवीनीकरण योजना
Flagstaff Road स्थित यह बंगलो, जो दिल्ली के सिविल लाइन्स क्षेत्र में स्थित है, फरवरी 2024 के विधानसभा चुनावों के दौरान चर्चा में था। चुनावों के दौरान बीजेपी ने इस बंगलो के भव्य नवीनीकरण को लेकर केजरीवाल सरकार पर तीखे हमले किए थे। बीजेपी का आरोप था कि केजरीवाल ने अपनी सरकार के कार्यकाल में इस बंगलो की नवीनीकरण के लिए 33 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जिसमें अत्यधिक विलासिता की सुविधाएँ जैसे जकूज़ी भी शामिल थीं। बीजेपी ने कुछ तस्वीरें भी जारी की थीं, जो इस आलीशान नवीनीकरण के प्रमाण के रूप में पेश की थीं।
शीशमहल का नाम और बीजेपी का आरोप
शीशमहल का नाम बीजेपी ने पिछले साल दिया था। यह शब्द हिंदी में “एक भव्य और आलीशान घर” को दर्शाता है। बीजेपी का कहना है कि इस नामकरण के जरिए उन्होंने केजरीवाल की कथित “आम आदमी” छवि के साथ एक बड़ा सवाल उठाया है। अरविंद केजरीवाल, जो एक दशक पहले राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करके आए थे, अब अपने ही सरकारी निवास की भव्यता को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। बीजेपी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया और आरोप लगाया कि केजरीवाल ने जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है।
शीशमहल की नवीनीकरण में हुए बदलाव
बजेपी ने दावा किया कि इस बंगलो का रूपांतरण करने के लिए चार सरकारी संपत्तियों को एक साथ जोड़कर उसे 50,000 वर्ग मीटर के विशाल परिसर में बदल दिया गया था। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष, वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को पत्र लिखकर इस संपत्ति के विलय को रद्द करने की मांग की थी। सचदेवा ने इसे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण बताया और कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अपने निजी लाभ के लिए सरकारी संपत्ति का गलत उपयोग किया।
गाइडेड टूर का प्रस्ताव और बीजेपी की रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद बीजेपी ने फैसला किया कि अब वे पत्रकारों को शीशमहल के अंदर ले जाकर इसकी भव्यता और नवीनीकरण के विवाद को जनता के सामने पेश करेंगे। बीजेपी के सांसद, पर्वेश वर्मा ने आज पत्रकारों से कहा कि वह शीशमहल के अंदर पत्रकारों को लेकर जाएंगे ताकि वे देख सकें कि केजरीवाल ने किस तरह टैक्सपेयर्स के पैसे से अपने आलीशान जीवन को सुसज्जित किया। इस कदम को बीजेपी द्वारा केजरीवाल सरकार के खिलाफ उठाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को और मजबूत करने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
केजरीवाल का “आम आदमी” का दावा और भाजपा की आलोचना
अरविंद केजरीवाल का 2013 में आम आदमी पार्टी का गठन करते वक्त यह प्रमुख स्लोगन था कि वह एक साधारण नागरिक हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगा। लेकिन अब शीशमहल के विवाद ने उनके इस दावे को कमजोर कर दिया है। बीजेपी लगातार यह आरोप लगा रही है कि जब केजरीवाल खुद को “आम आदमी” मानते थे, तो उन्होंने अपनी जीवनशैली और सरकारी संपत्ति पर इस तरह के खर्च को कैसे सही ठहराया। पार्टी का कहना है कि यह केजरीवाल के आदर्शों के खिलाफ है, जो हमेशा आम आदमी की लड़ाई लड़ने का दावा करते रहे हैं।
राजनीतिक बदलाव और शीशमहल का भविष्य
शीशमहल के भविष्य पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री, रेखा गुप्ता, जो बीजेपी से हैं, ने इस बंगलो में रहने से इनकार कर दिया है और अब यह सवाल उठ रहा है कि इसे किस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में, यह संपत्ति एक प्रतीक बन चुकी है, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल की राजनीति और उनके राजनीतिक विरासत के बारे में कई सवाल उठाती है।
निष्कर्ष
शीशमहल का मुद्दा दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। बीजेपी ने इसे अपने चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि आम आदमी पार्टी इसे सियासी प्रतिशोध का हिस्सा मान रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शीशमहल के इस “गाइडेड टूर” से दिल्ली की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है, और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी असर डालता है।