
एप्पल को कोर्ट से बड़ा झटका: अब iPhone में ऐप स्टोर के बिना भी इंस्टॉल हो सकेंगे ऐप्स
ब्राजील की एक फेडरल कोर्ट ने टेक दिग्गज ऐपल को बड़ा झटका देते हुए iOS डिवाइसों पर थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर्स और साइडलोडिंग की अनुमति देने का आदेश दिया है। इस फैसले का मतलब है कि अब iPhone यूजर्स केवल ऐपल के ऐप स्टोर पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि वे अन्य सोर्स जैसे वेबसाइट्स या वैकल्पिक ऐप स्टोर्स से भी ऐप्स डाउनलोड और इंस्टॉल कर सकेंगे। यह सुविधा एंड्रॉयड फोन्स में पहले से मौजूद है, लेकिन ऐपल ने अब तक अपने सख्त कंट्रोल के चलते इसे अपने प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होने दिया था। कोर्ट ने ऐपल को यह बदलाव करने के लिए 90 दिनों का समय दिया है। अगर कंपनी ऐसा करने में नाकाम रहती है, तो उसे हर दिन करीब 34.83 लाख रुपये (लगभग 40,000 डॉलर) का जुर्माना देना पड़ सकता है।
कोर्ट का फैसला और कारण
यह आदेश ब्राजील के फेडरल रीजनल कोर्ट के जज पाब्लो जुनिगा ने सुनाया। उन्होंने देश के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर Administrative Council for Economic Defense (CADE) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को फिर से लागू किया। CADE का कहना है कि ऐपल अपने iOS प्लेटफॉर्म पर सख्त नीतियों के जरिए प्रतिस्पर्धा को दबा रहा है। कोर्ट का मानना है कि ऐपल का ऐप स्टोर पर पूरा नियंत्रण और इन-ऐप खरीदारी के लिए सिर्फ अपने पेमेंट सिस्टम को अनिवार्य करना अन्य ऐप डेवलपर्स के लिए नुकसानदायक है। इसीलिए कोर्ट ने ऐपल को थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर्स की अनुमति देने, साइडलोडिंग शुरू करने और वैकल्पिक पेमेंट सिस्टम को अपनाने का निर्देश दिया। इससे डेवलपर्स को ऐपल के कमीशन से बचने और अपने पसंदीदा पेमेंट गेटवे इस्तेमाल करने की आजादी मिलेगी।
मामले की शुरुआत
यह पूरा विवाद 2022 में शुरू हुआ, जब ब्राजील की ई-कॉमर्स कंपनी Mercado Livre ने ऐपल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। कंपनी का आरोप था कि ऐपल डेवलपर्स को अपने पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करता है, जिससे उसे बाजार में अनुचित फायदा मिलता है। CADE ने इस शिकायत की जांच की और ऐपल की नीतियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी करार दिया। ब्राजील के पब्लिकेशन वेलोर इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल पहले ही यूरोपीय संघ जैसे बाजारों में इसी तरह के नियमों का पालन कर चुका है और इससे उसके बिजनेस मॉडल को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। फिर भी, ऐपल इस फैसले से खुश नहीं है और उसने इसे यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए खतरा बताया है। कंपनी ने इस आदेश के खिलाफ अपील करने का ऐलान किया है।
यूजर्स और डेवलपर्स के लिए क्या बदलेगा?
अगर यह फैसला लागू होता है, तो iPhone यूजर्स को अब ऐप्स डाउनलोड करने के लिए सिर्फ ऐप स्टोर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे सीधे वेबसाइट्स से ऐप्स डाउनलोड कर सकेंगे, जैसा कि एंड्रॉयड यूजर्स करते हैं। इसके अलावा, डेवलपर्स को इन-ऐप पेमेंट के लिए ऐपल के सिस्टम का इस्तेमाल करने की मजबूरी खत्म हो जाएगी। वे अपने खुद के पेमेंट ऑप्शंस जोड़ सकेंगे, जिससे उन्हें ऐपल को दिए जाने वाले 30 प्रतिशत तक के कमीशन से राहत मिलेगी। हालांकि, ऐपल का कहना है कि साइडलोडिंग और थर्ड-पार्टी स्टोर्स से यूजर्स को मैलवेयर या डेटा चोरी जैसे जोखिम हो सकते हैं।
वैश्विक प्रभाव
ऐपल पहले ही यूरोपीय संघ में डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) के तहत iOS 17.4 अपडेट में बदलाव कर चुका है। वहां यूजर्स को थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर्स का इस्तेमाल करने की सुविधा मिल चुकी है। ब्राजील अब दूसरा बड़ा बाजार बन सकता है, जहां ऐपल को अपने बंद इकोसिस्टम को खोलना होगा। इससे भारत जैसे अन्य देशों में भी इसी तरह के नियम लागू होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐपल के लिए यह एक चुनौती है, क्योंकि उसका बिजनेस मॉडल ऐप स्टोर से होने वाली कमाई पर काफी निर्भर करता है।
निष्कर्ष
ब्राजील के कोर्ट का यह फैसला ऐपल के लिए एक बड़ी चुनौती लेकर आया है। अगर कंपनी अपील में हार जाती है, तो उसे अपने iOS प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से बदलना पड़ सकता है। यह यूजर्स को ज्यादा आजादी देगा, लेकिन ऐपल की सिक्योरिटी और प्राइवेसी की गारंटी पर सवाल भी उठा सकता है। आने वाले महीने इस मामले में निर्णायक होंगे।