
बैडमिंटन: आयुष शेट्टी का बेहतरीन खेल, ओरलियन्स मास्टर्स के सेमीफाइनल में प्रवेश
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी आयुष शेट्टी ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए ओरलियन्स मास्टर्स सुपर 300 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। 19 साल के इस युवा खिलाड़ी ने अपनी लंबाई और खेल शैली से सभी का ध्यान खींचा है। उनकी तुलना विश्व के मशहूर खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन से की जा रही है, जिन्होंने पिछले साल दुबई में आयुष के साथ अभ्यास के बाद उनके कोच विमल कुमार को संदेश भेजा था। एक्सेलसन ने कहा था, “आयुष मेरी तरह खेलता है और उसका हिट बहुत अच्छा है।” 6 फीट 4 इंच लंबे आयुष की शारीरिक बनावट और कोर्ट पर मौजूदगी एक्सेलसन की याद दिलाती है। अभी उनकी प्रतिभा पूरी तरह निखरना बाकी है, लेकिन आने वाले समय में वे कई खिलाड़ियों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
शुक्रवार को फ्रांस के ओरलियन्स में आयुष ने डेनमार्क के रैसमस गेमके को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। विश्व रैंकिंग में 31वें स्थान पर काबिज 28 साल के गेमके को आयुष ने 21-16, 21-23, 21-17 से मात दी। दूसरा सेट हारने के बावजूद आयुष ने तीसरे सेट में शानदार वापसी की। उनके कोच विमल कुमार ने कहा, “आयुष को दूसरा सेट जीत लेना चाहिए था, लेकिन थकान के बावजूद तीसरे सेट में जिस तरह उन्होंने हिम्मत दिखाई, वह काबिलेतारीफ है। गेमके जैसे मजबूत यूरोपीय खिलाड़ी को हराना बड़ी बात है। इससे आयुष का नाम उभरकर सामने आया है।” विमल का मानना है कि आयुष साल के अंत तक टॉप 30 में पहुंच सकते हैं और बड़े सुपर सीरीज टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकते हैं।
आयुष का यह सफर आसान नहीं रहा। टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्होंने पूर्व विश्व चैंपियन लोह कीन यू को हराकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद हॉन्गकॉन्ग के उभरते खिलाड़ी जेसन गुनावान को हराना उनके लिए खास रहा। गुनावान से पहले कई बार हारने के बाद आयुष ने हिम्मत नहीं हारी। जर्मन ओपन में हार के बाद वे स्विस ओपन के लिए रुकना नहीं चाहते थे और घर लौटने की बात कह रहे थे। लेकिन कोच विमल ने उन्हें समझाया और यूरोप में तीन टूर्नामेंट में कम से कम 10 मैच खेलने की सलाह दी। गुनावान को हराने के बाद आयुष का आत्मविश्वास बढ़ा और वे टूर्नामेंट में आगे बढ़ते गए।
आयुष की खेल शैली में उनकी लंबाई उनका सबसे बड़ा हथियार है। कोच विमल कहते हैं, “उनके पास तेज स्मैश है, लेकिन इसके लिए कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने की जरूरत है। थकान में उनके पैर कमजोर पड़ते हैं, जिस पर काम करना होगा।” आयुष का नेट गेम भी प्रभावशाली है, जो उनके पिछले कोच कृष्णा कुमार ने बेंगलुरु के आई स्पोर्ट्स अकादमी में निखारा था। विमल कहते हैं, “उनका नेट गेम मजबूत है, लेकिन इसमें और विविधता लाने की जरूरत है। वे अक्सर सीधे नेट पर खेलते हैं, जिसे विरोधी समझ सकते हैं। अगर वे पीछे की ओर लंबे शॉट्स खेलें, तो उनका खेल और बेहतर हो सकता है।”
गेमके के खिलाफ आयुष ने अपनी स्मैश से अंक बटोरे, लेकिन उनका नेट गेम भी चर्चा में रहा। वे तेजी से नेट पर पहुंचते हैं और वहां से अंक हासिल करते हैं। हालांकि, कोच का मानना है कि उन्हें हर बार नेट पर दौड़ने की आदत को थोड़ा कम करना चाहिए। गुनावान के खिलाफ उन्होंने मिड-कोर्ट से मजबूती दिखाई, जो उनकी रणनीति का हिस्सा था। विमल कहते हैं, “आयुष की स्मैश में अभी छलावा कम है। अगर वे एक्सेलसन की तरह हाफ स्मैश और छल को मिलाएं, तो वे और खतरनाक हो सकते हैं।” उनकी डिफेंस में लंबाई फायदेमंद है, लेकिन फ्लैट और तेज शॉट्स से उन्हें परेशानी होती है।
अगले हफ्ते जब लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड में खेल रहे होंगे, आयुष और किरण जॉर्ज पेरिस में फ्रांसीसी खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करेंगे। विमल का मानना है कि युवा खिलाड़ियों को 22-23 साल की उम्र तक खुलकर खेलना चाहिए और प्रतिद्वंद्वियों से सीखना चाहिए। वे कहते हैं, “एक्सेलसन से सीखने का मौका मिले, तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए।” आयुष के गुस्सैल स्वभाव को भी वे सकारात्मक मानते हैं। “खिलाड़ियों के जज्बातों को रोकना ठीक नहीं। गुस्सा उनके खेल के लिए अच्छा है। हमने बेंगलुरु में उनके लिए बॉक्सिंग बैग लगाया है, ताकि वे गुस्सा निकाल सकें।” शनिवार को सेमीफाइनल में आयुष का मुकाबला विश्व नंबर 14 लिन चुन यी से होगा।
आयुष शेट्टी का यह प्रदर्शन भारतीय बैडमिंटन के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। उनकी मेहनत, प्रतिभा और कोचिंग का यह नतीजा है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं। आने वाले समय में वे भारत के लिए बड़े खिताब जीत सकते हैं।