
शेयर बाजार में लगातार गिरावट: निफ्टी की 10 दिनों की हार, सेंसेक्स 73,000 से नीचे बंद
भारत का शेयर बाजार इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है। मंगलवार को एक बार फिर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50 इंडेक्स 36.65 अंक यानी 0.17% की गिरावट के साथ 22,086.2 पर बंद हुआ। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 96.01 अंक यानी 0.13% नीचे 72,989.9 पर आ गया। यह लगातार 10वां दिन है जब निफ्टी नीचे закрылся, जो पिछले 29 सालों में सबसे लंबी गिरावट का सिलसिला है। ऑटो, आईटी और एफएमसीजी जैसे बड़े सेक्टर इस गिरावट के मुख्य कारण रहे। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं कि बाजार में क्या हो रहा है और इसका मतलब क्या है।
बाजार में क्या हुआ?
मंगलवार को शेयर बाजार ने निवेशकों को फिर निराश किया। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। इस गिरावट के पीछे कुछ बड़ी कंपनियों का खराब प्रदर्शन रहा। इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), भारती एयरटेल, बजाज ऑटो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों के शेयरों में कमजोरी ने बाजार को नीचे खींचा। हालांकि, कुछ कंपनियों ने बाजार को संभालने की कोशिश की। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे शेयरों ने गिरावट को थामने में मदद की।
एनएसई पर 12 में से 8 सेक्टर ऊपर गए, जबकि बाकी 8 में गिरावट देखी गई। निफ्टी ऑटो, आईटी, एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर सबसे ज्यादा नीचे आए। वहीं, निफ्टी मीडिया, पीएसयू बैंक, एनर्जी, ऑयल एंड गैस और मेटल सेक्टर में बढ़त रही। खास बात यह है कि निफ्टी ऑटो ने 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर छू लिया, जिससे यह सबसे कमजोर सेक्टर बन गया। दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया ने लगातार तीन दिनों की गिरावट को तोड़ा और अच्छी बढ़त के साथ दिन खत्म किया।
ऑटो और आईटी सेक्टर की हालत खराब
ऑटो सेक्टर के लिए यह दिन खासा बुरा रहा। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि ऑटो कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। दूसरी ओर, निफ्टी आईटी ने सात दिनों की गिरावट के बाद थोड़ी राहत दिखाई थी, लेकिन मंगलवार को यह फिर लाल निशान में बंद हुआ। इन सेक्टरों की कमजोरी ने बाजार के मूड को और खराब कर दिया।
कुछ सेक्टर ने दिखाई ताकत
हालांकि पूरा बाजार नीचे नहीं गया। निफ्टी मीडिया और निफ्टी पीएसयू बैंक ने अच्छा प्रदर्शन किया। निफ्टी मीडिया ने तीन दिनों की हार को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल की। पीएसयू बैंक, एनर्जी और मेटल सेक्टर भी मजबूत रहे। इससे यह संकेत मिलता है कि बाजार में कुछ हिस्से अभी भी उम्मीद बनाए हुए हैं।
मिडकैप और स्मॉलकैप ने दी राहत
बड़े इंडेक्स भले ही नीचे गए हों, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को थोड़ी खुशी दी। बीएसई मिडकैप 0.16% ऊपर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप में 1.16% की शानदार बढ़त देखी गई। इससे पता चलता है कि छोटी और मझोली कंपनियों में निवेशकों का भरोसा अभी बरकरार है।
बीएसई पर क्या हुआ?
बीएसई पर 21 में से 14 सेक्टर ऊपर गए, जबकि 8 में गिरावट रही। ऑटो सेक्टर यहाँ भी सबसे ज्यादा 1.13% नीचे गिरा। बाजार में खरीदारी का माहौल थोड़ा बेहतर रहा। कुल 2,218 शेयरों में बढ़त देखी गई, 1,743 में गिरावट आई और 125 शेयर बिना बदलाव के रहे।
क्यों हो रही है यह गिरावट?
पिछले 10 दिनों से बाजार में यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है। ऑटो सेक्टर में मांग कम होना, आईटी कंपनियों पर वैश्विक दबाव और एफएमसीजी में महंगाई का असर कुछ बड़े कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, निवेशकों का सतर्क रवैया भी बाजार को नीचे खींच रहा है। हालांकि, कुछ सेक्टरों में बढ़त यह दिखाती है कि उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। निफ्टी की 10 दिनों की लगातार गिरावट ने 29 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सेंसेक्स भी 73,000 के नीचे आ गया है। ऑटो और आईटी जैसे बड़े सेक्टर कमजोर पड़ रहे हैं, जिससे बाजार का मूड खराब हो रहा है। लेकिन मिडकैप, स्मॉलकैप और कुछ सेक्टरों में बढ़त यह संकेत देती है कि बाजार में अभी भी जान बाकी है। निवेशकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें, लेकिन घबराएं नहीं। बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है और लंबे समय में यह फिर पटरी पर आ सकता है। फिलहाल, बाजार को करीब से देखना और सही मौके का इंतजार करना समझदारी होगी।